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आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन - सुरक्षित पहुँच

Dozens dead in Iran after blasts strike Qassem Soleimani memorial

Jun 30, 2025
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Dozens dead in Iran after blasts strike Qassem Soleimani memorial

आजकल, हमारे आसपास की चीजें एक-दूसरे से बात करती रहती हैं, एक तरह से। यह सब इंटरनेट से जुड़ी छोटी-छोटी मशीनों की वजह से हो रहा है, जिन्हें हम आईओटी डिवाइस कहते हैं। ये चीजें, जैसे स्मार्ट घर के उपकरण या फैक्ट्री में लगी मशीनें, अक्सर दूर किसी जगह पर काम करती हैं। कभी-कभी हमें इन मशीनों को देखने या उनमें कुछ बदलाव करने की जरूरत पड़ जाती है, पर हम उनके पास नहीं जा पाते। तो, क्या कोई तरीका है जिससे हम इन्हें कहीं से भी, किसी भी जगह से, सुरक्षित रूप से देख सकें और उन पर काम कर सकें? बिल्कुल है, और यह तरीका आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन के नाम से जाना जाता है, सो यह बहुत काम का है।

यह तरीका हमें अपने आईओटी गैजेट्स से दूर बैठे भी जुड़ने का मौका देता है। जैसे मान लीजिए, आपका कोई सेंसर किसी खेत में लगा है, और आप अपने घर से ही उसकी जानकारी देखना चाहते हैं। या फिर, किसी फैक्ट्री में लगी मशीन में कोई छोटी सी दिक्कत आ गई है, और इंजीनियर को उसे ठीक करने के लिए तुरंत वहां पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में, आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन एक तरह से एक अदृश्य पुल बना देता है, जिससे आप अपने कंप्यूटर पर बैठकर ही उस दूर की मशीन से जुड़ जाते हैं, बिल्कुल वैसे ही जैसे आप उसके सामने बैठे हों, या ऐसा लगता है। यह आपको उन मशीनों पर कमांड भेजने, उनकी सेटिंग्स बदलने, या फिर उनके अंदर क्या चल रहा है, यह सब देखने की आजादी देता है, जो कि काफी उपयोगी है।

यह कनेक्शन एक तरह से एक बहुत ही सुरक्षित रास्ता बनाता है, जिससे आपके डिवाइस और आपके बीच की बातचीत कोई और देख या बदल नहीं पाता। यह एक खास तरह के सुरक्षा कवच जैसा है, जो आपके डेटा को बचाता है। जब हम किसी दूर के डिवाइस से जुड़ते हैं, तो सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है, क्योंकि कोई गलत आदमी हमारे सिस्टम में घुसकर नुकसान पहुंचा सकता है। आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन इसी खतरे को कम करने में मदद करता है, जिससे आप अपने काम को बिना किसी चिंता के कर पाते हैं। यह हमें एक बहुत ही सीधा और भरोसेमंद तरीका देता है, ताकि हम अपने आईओटी उपकरणों को कहीं से भी चला सकें, जो कि एक बड़ी राहत की बात है।

Table of Contents

आईओटी डिवाइस को दूर से कैसे संभालें?

दूर बैठे किसी भी आईओटी उपकरण को चलाने की बात आती है, तो बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर यह कैसे हो पाता है। हम किसी डिवाइस को हाथ लगाए बिना, उसे कैसे नियंत्रित कर सकते हैं? यह एक तरह का जादू सा लग सकता है, पर यह असल में बहुत ही सीधी तकनीक का कमाल है। आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर बैठे हुए, दुनिया के किसी भी कोने में रखे आईओटी डिवाइस से जुड़ सकते हैं। यह ठीक वैसा ही है जैसे आप अपने घर में किसी लाइट को स्विच से ऑन करते हैं, पर यहां स्विच हजारों मील दूर हो सकता है। यह हमें उन स्थितियों में मदद करता है जहाँ डिवाइस तक शारीरिक रूप से पहुंचना मुश्किल या असंभव होता है, या यूं कहें कि यह एक बहुत ही सुविधाजनक तरीका है।

यह सब एक खास तरह के प्रोटोकॉल की वजह से संभव हो पाता है, जिसे एसएसएच कहते हैं। एसएसएच का मतलब है 'सुरक्षित शेल', और यह एक ऐसा तरीका है जो दो कंप्यूटरों के बीच एक सुरक्षित बातचीत का रास्ता बनाता है। जब आप अपने आईओटी डिवाइस से एसएसएच के जरिए जुड़ते हैं, तो आप एक तरह से उस डिवाइस के अंदर की कमांड लाइन पर पहुंच जाते हैं। वहां से आप उस डिवाइस को कोई भी आदेश दे सकते हैं, जैसे कोई फाइल देखना, कोई प्रोग्राम चलाना, या उसकी सेटिंग्स बदलना। यह सब कुछ एक बंद और सुरक्षित सुरंग के अंदर होता है, जिससे बाहर का कोई भी व्यक्ति आपकी बातचीत को सुन या बदल नहीं पाता, जो कि बहुत ही अच्छी बात है।

यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जो बहुत सारे आईओटी डिवाइस का ध्यान रखते हैं। मान लीजिए, किसी कंपनी के पास सैकड़ों सेंसर अलग-अलग जगहों पर लगे हैं। हर एक सेंसर के पास जाकर उसे चेक करना या उसमें बदलाव करना बहुत समय लेने वाला और महंगा काम हो सकता है। पर, अगर वे सभी सेंसर आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन का उपयोग करते हैं, तो एक ही जगह से बैठकर सभी को संभाला जा सकता है। यह काम को बहुत आसान बना देता है और समय की भी काफी बचत होती है। यह एक ऐसा समाधान है जो आधुनिक दुनिया की जरूरतों को पूरा करता है, और हमें अधिक कुशल बनने में मदद करता है, सो यह एक बड़ा फायदा है।

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन- यह क्या है, वास्तव में?

तो, आखिर यह आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन क्या है, अगर हम इसे और थोड़ा गहराई से देखें? यह एक तरह का सुरक्षित रास्ता है जो आपके कंप्यूटर और आपके दूर रखे आईओटी डिवाइस के बीच बनता है। यह रास्ता एन्क्रिप्टेड होता है, जिसका मतलब है कि इसमें भेजी गई सारी जानकारी को एक कोड में बदल दिया जाता है, ताकि कोई और उसे पढ़ न सके। यह ठीक वैसे ही है जैसे आप किसी को एक सीक्रेट कोड में मैसेज भेजते हैं, जिसे सिर्फ वही समझ सकता है जिसके पास उसे खोलने की चाबी हो। यह सुरक्षा का एक बहुत ही मजबूत तरीका है, और यह काफी मायने रखता है।

एसएसएच का उपयोग सिर्फ आईओटी के लिए ही नहीं होता, बल्कि यह सर्वर और कंप्यूटरों को दूर से संभालने के लिए भी बहुत सालों से इस्तेमाल हो रहा है। इसकी मजबूती और सुरक्षा पर लोग बहुत भरोसा करते हैं। जब इसे आईओटी डिवाइस के साथ जोड़ा जाता है, तो यह छोटे-छोटे उपकरणों को भी वही सुरक्षा और नियंत्रण देता है जो बड़े सर्वर को मिलता है। यह आपको डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम तक सीधी पहुंच देता है, जिससे आप उस पर किसी भी तरह का काम कर सकते हैं, जैसे कोई सॉफ्टवेयर अपडेट करना, डेटा लॉग देखना, या कोई नई सुविधा जोड़ना। यह एक बहुत ही सीधा तरीका है, वास्तव में।

कल्पना कीजिए कि आपके पास एक छोटा सा रास्पबेरी पाई कंप्यूटर है जो कहीं दूर किसी जगह पर मौसम की जानकारी इकट्ठा कर रहा है। अगर आप उसमें कोई बदलाव करना चाहते हैं या देखना चाहते हैं कि वह ठीक से काम कर रहा है या नहीं, तो आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन आपको यह सब करने की सुविधा देता है। आपको बस अपने कंप्यूटर पर एक एसएसएच क्लाइंट प्रोग्राम खोलना होगा, अपने रास्पबेरी पाई का पता डालना होगा, और एक पासवर्ड या कुंजी से लॉग इन करना होगा। एक बार जुड़ने के बाद, आप उस रास्पबेरी पाई पर वैसे ही कमांड चला सकते हैं जैसे आप उसके सामने बैठकर चला रहे हों। यह एक बहुत ही सीधा और प्रभावी तरीका है, जो बहुत से लोगों को पसंद आता है।

क्या आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन आसान है?

कई लोग सोचते हैं कि आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन स्थापित करना शायद बहुत मुश्किल काम होगा, जिसमें बहुत सारी तकनीकी जानकारी की जरूरत पड़ेगी। पर, यह सच नहीं है। एक बार जब आप इसकी मूल बातों को समझ जाते हैं, तो यह उतना मुश्किल नहीं रहता जितना लगता है। हां, इसमें कुछ शुरुआती सेटिंग्स करनी पड़ती हैं, जैसे आपके आईओटी डिवाइस पर एसएसएच को चालू करना और कुछ सुरक्षा सेटिंग्स को ठीक करना। पर, एक बार यह हो जाने के बाद, इसे उपयोग करना काफी सीधा हो जाता है। यह एक ऐसी चीज है जिसे थोड़ा अभ्यास करके कोई भी सीख सकता है, या यूं कहें कि यह सीखने लायक है।

आजकल, बहुत सारे आईओटी प्लेटफॉर्म और उपकरण एसएसएच कनेक्शन को आसानी से स्थापित करने के लिए गाइड और टूल प्रदान करते हैं। आप ऑनलाइन बहुत सारी जानकारी और ट्यूटोरियल पा सकते हैं जो आपको कदम-दर-कदम यह प्रक्रिया समझाते हैं। कुछ डिवाइस तो ऐसे भी आते हैं जिनमें एसएसएच पहले से ही चालू होता है, बस आपको उसे अपने नेटवर्क से जोड़ना होता है। तो, अगर आप सोच रहे हैं कि यह आपके लिए बहुत जटिल होगा, तो ऐसा नहीं है। यह एक ऐसा कौशल है जिसे सीखने में थोड़ा समय लगता है, पर इसके फायदे बहुत बड़े हैं, सो यह कोशिश करने लायक है।

यह भी याद रखना चाहिए कि शुरुआती सेटअप में कुछ नेटवर्क सेटिंग्स को समझने की जरूरत पड़ सकती है, जैसे पोर्ट फॉरवर्डिंग या वीपीएन का उपयोग। ये चीजें आपके डिवाइस को इंटरनेट से सीधे जुड़ने में मदद करती हैं, पर सुरक्षित तरीके से। अगर आप इन चीजों से अपरिचित हैं, तो थोड़ी रिसर्च या किसी जानकार से मदद लेना अच्छा रहेगा। पर, एक बार यह सब सेट हो जाए, तो दूर से अपने आईओटी डिवाइस को नियंत्रित करना उतना ही आसान हो जाता है जितना अपने घर के वाई-फाई से जुड़ना, जो कि एक बहुत ही सुविधाजनक बात है।

सुरक्षा की एक परत - आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन की सबसे बड़ी खूबियों में से एक इसकी सुरक्षा है। जब हम दूर से किसी डिवाइस से जुड़ते हैं, तो डेटा की सुरक्षा बहुत जरूरी हो जाती है। एसएसएच यह सुनिश्चित करता है कि आपकी और आपके डिवाइस के बीच की बातचीत कोई तीसरा व्यक्ति न तो सुन सके और न ही उसमें कोई बदलाव कर सके। यह सब एन्क्रिप्शन की वजह से होता है, जो आपके डेटा को एक तरह के गुप्त कोड में बदल देता है। यह कोड इतना मजबूत होता है कि इसे तोड़ना लगभग असंभव है, या ऐसा लगता है।

एसएसएच केवल पासवर्ड पर ही निर्भर नहीं करता, बल्कि यह 'पब्लिक-की क्रिप्टोग्राफी' का भी उपयोग करता है। इसमें आपके पास एक 'प्राइवेट की' होती है जो आपके कंप्यूटर पर रहती है, और एक 'पब्लिक की' होती है जो आपके आईओटी डिवाइस पर डाली जाती है। जब आप जुड़ने की कोशिश करते हैं, तो ये दोनों की एक-दूसरे को पहचानती हैं और एक सुरक्षित कनेक्शन बनाती हैं। यह पासवर्ड से भी ज्यादा सुरक्षित तरीका है, क्योंकि प्राइवेट की को चुराना बहुत मुश्किल होता है। यह एक बहुत ही सुरक्षित प्रणाली है, जो बहुत से लोगों को पसंद आती है।

इसके अलावा, एसएसएच आपको यह भी मौका देता है कि आप अपने कनेक्शन को और भी सुरक्षित बना सकें। आप अपने एसएसएच सर्वर पर सिर्फ कुछ खास उपयोगकर्ताओं को ही अनुमति दे सकते हैं, और उन्हें भी केवल कुछ खास काम करने की इजाजत दे सकते हैं। इससे अगर कोई अनाधिकृत व्यक्ति आपके सिस्टम में घुसने की कोशिश भी करता है, तो वह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगा। यह सुरक्षा की कई परतें जोड़ता है, जिससे आपके आईओटी सिस्टम की सुरक्षा बहुत बढ़ जाती है। यह एक ऐसी चीज है जो हमें बहुत शांति देती है, जब हम अपने डिवाइस को दूर से चलाते हैं, सो यह बहुत महत्वपूर्ण है।

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन- इसके कुछ फायदे क्या हैं?

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन के कई बड़े फायदे हैं, जो इसे आईओटी की दुनिया में एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपकरण बनाते हैं। सबसे पहला और सबसे सीधा फायदा यह है कि यह आपको कहीं से भी अपने डिवाइस को संभालने की आजादी देता है। आपको किसी खास जगह पर होने की जरूरत नहीं है; आप अपने घर से, ऑफिस से, या यात्रा करते हुए भी अपने आईओटी डिवाइस को देख और नियंत्रित कर सकते हैं। यह समय और पैसे दोनों की बचत करता है, क्योंकि आपको बार-बार डिवाइस की जगह पर जाना नहीं पड़ता, जो कि एक बहुत ही अच्छी बात है।

दूसरा बड़ा फायदा इसकी सुरक्षा है। जैसा कि हमने पहले भी बात की, एसएसएच एक बहुत ही सुरक्षित प्रोटोकॉल है जो आपके डेटा को बचाता है। आईओटी डिवाइस अक्सर संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करते हैं, और उन्हें सुरक्षित रखना बहुत जरूरी है। एसएसएच यह सुनिश्चित करता है कि आपकी जानकारी सुरक्षित रहे और कोई गलत आदमी उस तक पहुंच न पाए। यह एक ऐसी चीज है जो हमें बहुत भरोसा देती है, और यह बहुत मायने रखती है।

तीसरा फायदा इसकी लचीलापन है। आप एसएसएच के जरिए अपने आईओटी डिवाइस पर लगभग कुछ भी कर सकते हैं। आप नए सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर सकते हैं, पुराने को अपडेट कर सकते हैं, डिवाइस की सेटिंग्स बदल सकते हैं, या यहां तक कि डिवाइस को रीबूट भी कर सकते हैं। यह आपको अपने डिवाइस पर पूरा नियंत्रण देता है, जिससे आप उसे अपनी जरूरत के हिसाब से ढाल सकते हैं। यह एक बहुत ही शक्तिशाली उपकरण है, जो हमें बहुत कुछ करने की आजादी देता है, या ऐसा लगता है।

सेटअप प्रक्रिया- आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन को स्थापित करने की प्रक्रिया में कुछ कदम शामिल होते हैं, पर वे बहुत मुश्किल नहीं होते। सबसे पहले, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आपका आईओटी डिवाइस एसएसएच को सपोर्ट करता है और उस पर एसएसएच सर्वर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल है। बहुत सारे लिनक्स-आधारित आईओटी डिवाइस, जैसे रास्पबेरी पाई, में यह पहले से ही होता है। अगर नहीं है, तो आपको इसे इंस्टॉल करना पड़ सकता है, जो कि आमतौर पर कुछ कमांड चलाने जितना ही सीधा होता है, सो यह एक शुरुआती कदम है।

अगला कदम आपके डिवाइस को नेटवर्क से जोड़ना है और उसे एक आईपी पता देना है। अगर आप अपने डिवाइस को घर के बाहर से एक्सेस करना चाहते हैं, तो आपको अपने राउटर पर 'पोर्ट फॉरवर्डिंग' सेट करना पड़ सकता है। यह आपके राउटर को बताता है कि जब कोई बाहर से एसएसएच कनेक्शन की कोशिश करे, तो उसे आपके आईओटी डिवाइस पर भेजना है। यह थोड़ा तकनीकी लग सकता है, पर इसके लिए बहुत सारे ऑनलाइन गाइड उपलब्ध हैं, जो आपको कदम-दर-कदम मदद करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, वास्तव में।

आखिरी और सबसे महत्वपूर्ण कदम सुरक्षा से जुड़ा है। आपको अपने एसएसएच कनेक्शन के लिए एक मजबूत पासवर्ड सेट करना चाहिए, या इससे भी बेहतर, 'एसएसएच की-पेयर' का उपयोग करना चाहिए। की-पेयर में एक पब्लिक की आपके डिवाइस पर और एक प्राइवेट की आपके कंप्यूटर पर होती है। यह पासवर्ड से कहीं ज्यादा सुरक्षित होता है। एक बार जब यह सब सेट हो जाता है, तो आप अपने कंप्यूटर पर एक एसएसएच क्लाइंट (जैसे पुट्टी विंडोज के लिए या टर्मिनल मैक/लिनक्स के लिए) खोलकर अपने आईओटी डिवाइस के आईपी पते और पोर्ट का उपयोग करके जुड़ सकते हैं। यह एक बहुत ही सीधा तरीका है, जो बहुत से लोगों को पसंद आता है।

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन- कुछ बातें जो याद रखें?

जब आप आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन का उपयोग कर रहे हों, तो कुछ बातें हैं जिन्हें याद रखना बहुत जरूरी है ताकि सब कुछ ठीक से काम करे और सुरक्षित रहे। सबसे पहले, हमेशा अपने आईओटी डिवाइस के सॉफ्टवेयर को अपडेट रखें। पुराने सॉफ्टवेयर में सुरक्षा से जुड़ी कमजोरियां हो सकती हैं जिनका फायदा कोई गलत आदमी उठा सकता है। नियमित अपडेट से ये कमजोरियां दूर हो जाती हैं और आपका सिस्टम सुरक्षित रहता है, जो कि एक बहुत ही अच्छी बात है।

दूसरा, अपने एसएसएच पासवर्ड को बहुत मजबूत बनाएं। उसमें बड़े अक्षर, छोटे अक्षर, संख्याएं और खास चिन्ह शामिल करें। और, अगर हो सके, तो पासवर्ड के बजाय हमेशा 'एसएसएच की-पेयर' का उपयोग करें। यह सुरक्षा का एक बहुत ही मजबूत तरीका है और इसे तोड़ना बहुत मुश्किल होता है। यह एक ऐसी चीज है जो हमें बहुत शांति देती है, जब हम अपने डिवाइस को दूर से चलाते हैं, सो यह बहुत महत्वपूर्ण है।

तीसरा, अगर आप पोर्ट फॉरवर्डिंग का उपयोग कर रहे हैं, तो बहुत सावधान रहें। यह आपके डिवाइस को इंटरनेट पर उजागर करता है, इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके आईओटी डिवाइस पर केवल वही सेवाएं चल रही हैं जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है। अनावश्यक सेवाओं को बंद कर दें। आप एक वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग करने पर भी विचार कर सकते हैं, जो आपके कनेक्शन को और भी सुरक्षित बना देता है, क्योंकि यह एक एन्क्रिप्टेड सुरंग बनाता है, या ऐसा लगता है। यह एक बहुत ही सीधा तरीका है, वास्तव में।

चुनौतियों का सामना- आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन

आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन के कई फायदे हैं, पर कुछ चुनौतियां भी हैं जिनका सामना करना पड़ सकता है। सबसे पहली चुनौती नेटवर्क से जुड़ी हो सकती है। कभी-कभी, आपके इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) कुछ पोर्ट को ब्लॉक कर सकते हैं, जिससे पोर्ट फॉरवर्डिंग मुश्किल हो जाती है। ऐसे में, आपको एक वीपीएन या किसी अन्य तरीके का उपयोग करना पड़ सकता है, जैसे 'रिवर्स एसएसएच टनलिंग', जो एक तरह का उल्टा कनेक्शन बनाता है। यह थोड़ा जटिल हो सकता है, सो यह एक विचारणीय बात है।

दूसरी चुनौती डिवाइस की पावर और कनेक्टिविटी से जुड़ी है। अगर आपका आईओटी डिवाइस इंटरनेट से डिस्कनेक्ट हो जाता है या उसकी बैटरी खत्म हो जाती है, तो आप उससे एसएसएच के जरिए जुड़ नहीं पाएंगे। इसलिए, यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि आपके डिवाइस को लगातार पावर और एक स्थिर इंटरनेट कनेक्शन मिलता रहे। यह खासकर उन डिवाइस के लिए महत्वपूर्ण है जो दूरदराज के इलाकों में काम कर रहे हैं, जहां बिजली या इंटरनेट की दिक्कत हो सकती है, जो कि एक बड़ी चिंता का विषय है।

तीसरी चुनौती सुरक्षा से जुड़ी है। हालांकि एसएसएच खुद बहुत सुरक्षित है, पर अगर आप कमजोर पासवर्ड का उपयोग करते हैं या अपनी प्राइवेट की को सुरक्षित नहीं रखते हैं, तो आपका सिस्टम खतरे में पड़ सकता है। हमेशा मजबूत सुरक्षा प्रथाओं का पालन करें और नियमित रूप से अपने सिस्टम की सुरक्षा की जांच करते रहें। यह एक ऐसी चीज है जो हमें बहुत शांति देती है, जब हम अपने डिवाइस को दूर से चलाते हैं, सो यह बहुत महत्वपूर्ण है।

कुल मिलाकर, आईओटी रिमोट एसएसएच कनेक्शन एक बहुत ही शक्तिशाली और उपयोगी उपकरण है जो आपको अपने आईओटी डिवाइस को कहीं से भी, सुरक्षित रूप से संभालने की आजादी देता है। यह समय और पैसे दोनों की बचत करता है, और आपको अपने उपकरणों पर पूरा नियंत्रण देता है। थोड़ी सी शुरुआती मेहनत और सुरक्षा का ध्यान रखने से, आप इस तकनीक का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

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